गैरसैंण में चल रहे विधानसभा सत्र में नैनीताल व बेतालघाट गोलीकांड और जिला पंचायत सदस्य अपहरण मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर तीखे तेवर दिखाए। लगातार हंगामे के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त कुमाऊं को मजिस्ट्रेटी जांच सौंपने के साथ ही पंद्रह दिनों में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। साथ ही, भवाली के पुलिस क्षेत्राधिकारी और तल्लीताल थानाध्यक्ष का स्थानांतरण कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नैनीताल और भवाली की सभी एफआईआर की जांच अब सीबीसीआईडी करेगी। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था से समझौता किसी भी स्थिति में नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में धरना दिया और नियम 310 के तहत चर्चा न कराए जाने पर नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री धामी ने यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह से फोन पर वार्ता कर उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए धरना समाप्त करने की अपील की।
उधर, विधानसभा भवन के बाहर उत्तराखंड क्रांतिकारी दल (यूकेडी) ने राजधानी स्थायीकरण समेत सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के मुद्दों पर प्रदर्शन किया। यूकेडी नेताओं ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने पर गंभीर नहीं हैं, जबकि यह उत्तराखंड आंदोलन की मूल मांग रही है। पुलिस ने यूकेडी कार्यकर्ताओं को दिवालीखाल बैरियर पर रोक दिया।
Reported By: Arun Sharma












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