उत्तराखंड हाईकोर्ट में बनभूलपुरा दंगा के प्रमुख आरोपी अब्दुल मलिक, अब्दुल मोइद चालक मो0 जहीर सहित कई अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने फिलहाल मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक व अब्दुल मोईद कोई राहत न देते हुए घटना में शामिल निजाम व शारिक सिद्धकी की जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये हैं। आज हुई सुनवाई पर इनकी तरफ से कहा गया कि उनका इस दंगे से कोई लेना देना नही है और न ही उनका कोई अपराधिक रिकार्ड भी है। जब से घटना हुई तब से वे जेल में बंद है। इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाय। जिसपर कोर्ट ने रिकार्ड का अवलोकन करने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये हैं।
पूर्व में हुई सुनवाई पर सरकार की ओर से कहा गया कि मुख्य साजिश कर्ता व दो अन्य के खिलाफ शेशन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो गयी है। इसलिए आरोपियों को जमानत के लिये पुनः शेषन कोर्ट में जाना चाहिए। जबकि आरोपियों की ओर से कहा गया कि शेषन कोर्ट के बजाय खंडपीठ इस प्रकरण में सुनवाई करे। आरोपियो की तरफ से यह भी कहा गया कि उन्हें फिलहाल डिफॉल्ट बेल के आधार पर जमानत दी जाय। क्योंकि मामले में तय समय के आधार पर चार्जशीट दायर पुलिस ने नही की। आरोपी की ओर से कहा गया कि इन्हीं आरोपों में उच्च न्यायालय अन्य आरोपियों को पहले जमानत दे चुका है।
आपको बता दे कि आरोपियो के द्वारा एक साजिश के तहत बनभूलपुरा में दंगा कराया गया था जिसमे कई आम नागरिक सहित सरकारी सम्पति को नुकसान हुआ था। जांच के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित अन्य के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कराया। तब से दंगे में शामिल करीब 50 से अधिक लोगो की जमानत उच्च न्यायलय से हो चुकी है। लेकिन मुख्य साजिश कर्ता व उसके साथ देने वालो की जमानत उच्च न्यायलय में विचाराधीन है।
विकास गुगलानी, अधिवक्ता हाईकोर्ट
Reported By: Praveen Bhardwaj












Discussion about this post