राज्य में सहकारिता क्षेत्र में अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक और बड़ी कार्रवाई की गई है। जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, हरिद्वार की शाखाओं की कार्यप्रणाली की समीक्षा के पश्चात दो शाखा प्रबंधकों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि आठ शाखा प्रबंधकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है। यह कार्रवाई आज जिला सहकारी बैंक हरिद्वार के मुख्यालय बी.टी. गंज, रुड़की में अपर निबंधक सहकारिता आनंद ए.डी. शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित शाखा प्रबंधकों की समीक्षा बैठक में की गई।
बैठक में विभिन्न शाखाओं की वित्तीय स्थिति, एनपीए की समीक्षा, निक्षेप वृद्धि, ऋण वितरण और अन्य प्रशासनिक विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में बहादराबाद शाखा के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक प्रशांत शुक्ला तथा खानपुर शाखा के शाखा प्रबंधक देवनारायण चौधरी को निलंबित करने तथा रुड़की मुख्य शाखा, गणेशपुर, भगवानपुर, झबरेड़ा, लक्सर, खानपुर, राईसी, तेज्जुपुर के शाखा प्रबंधकों के वेतन पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि जिन शाखाओं का एनपीए दस प्रतिशत से अधिक है, उनका वेतन रोका जाएगा। आगामी तीन माह में एनपीए को 68 करोड़ से घटाकर 40 करोड़ तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिन शाखाओं का डिपॉजिट 10 करोड़ से कम है, उन्हें 20 करोड़ तक ले जाने तथा सभी शाखाओं को 15 अगस्त तक पैक्स कम्प्यूटरीकरण पूर्ण करने और शाखाओं का सौंदर्यीकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।
“प्रदेश में सहकारिता प्रणाली को ईमानदार, पारदर्शी और जनता के हित में कार्यरत बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। लापरवाही और लचर कार्यसंस्कृति को अब किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो अधिकारी परिणाम देंगे, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा, लेकिन जो अपने कर्तव्यों से विमुख हैं, उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”
Reported By: Ramesh Khanna












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