देश के कई शहरों में महिला सुरक्षा को लेकर हाल ही में जारी राष्ट्रीय वार्षिक महिला सुरक्षा रिपोर्ट NARI 2025 ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 10 सबसे असुरक्षित शहरों में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का नाम भी शामिल है। लेकिन, इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से ही सवाल उठने लगे हैं। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताया है। वहीं, कांग्रेस ने इस रिपोर्ट का हवाला देकर प्रदेश सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
देहरादून की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अब बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। हाल ही में आए एक सर्वे के बाद सरकार के भीतर भी हलचल मच गई। कई मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर ख़बर चली कि राष्ट्रीय महिला आयोग के सर्वे में देहरादून को सबसे असुरक्षित शहरों में शुमार किया गया है। लेकिन अब इस सर्वे पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष ने साफ कहा है कि यह रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है। महिला आयोग की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से ऐसा कोई सर्वे कराया ही नहीं गया।
कुसुम कंडवाल, अध्यक्ष,उत्तराखंड महिला आयोग
अब इसको लेकर प्रदेश में सियासत भी गरमा गई है। प्रमुख विपक्ष कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है पार्टी का आरोप है कि उत्तराखंड में महिलाएं सुरक्षित नहीं है,कांग्रेस का यह भी कहना है की अगर रिपोर्ट गलत है तो इसमें किसी पर कोई कार्यवाही हुई है।
ज्योति रौतेला महिला प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा की भी टिप्पणी सामने आई है। भाजपा का कहना है कि भाजपा में महिलाएं पूरी तरह से सुरक्षित है अगर किसी तरह की कोई घटनाएं निकल कर सामने आती है तो उन पर तुरंत कार्यवाही की जाती है किसी भी महिलाओं पर होने वाले अपराधों को छमा नहीं किया जाता।
हनी पाठक,प्रदेश प्रवक्ता भाजपा
अब देखना यह होगा कि महिला सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर उठे इस विवाद का अंत कहाँ होता है। एक ओर महिला आयोग इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर रहा है, तो दूसरी ओर विपक्ष सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है। लेकिन हकीकत चाहे जो भी हो, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना हर सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
Reported By: Praveen Bhardwaj













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