देवभूमि उत्तराखंड से एक ऐतिहासिक और धर्मसम्मत निर्णय लिया गया है। बद्री–केदार धाम के धर्माधिकारी पंडित राधाकृष्ण थपलियाल ने समस्त धर्मशास्त्रियों, विद्वानों और ज्योतिर्विदों के साथ विचार–विमर्श के बाद घोषणा की है कि इस वर्ष दीपावली पर्व 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) की रात्रि को ही मनाना शास्त्रसम्मत है।
धर्माधिकारी थपलियाल ने बताया कि 20 अक्टूबर की रात्रि में अमावस्या तिथि और प्रदोषकाल का संयोग बन रहा है, जो लक्ष्मी–गणेश पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है। इस निर्णय को काशी विद्वत परिषद और संत समाज का भी समर्थन प्राप्त हुआ है।
बद्रीनाथ धाम में आयोजित विद्वत सभा में रावल श्री अमरनाथ नम्बूरी, पूर्व धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल, धर्माधिकारी स्वयंवर प्रसाद सेमवाल, वेदपाठी रविन्द्र प्रसाद भट्ट, डिमरी धार्मिक पंचायत के सचिव भास्कर डिमरी सहित कई प्रमुख विद्वान उपस्थित रहे। दूरभाष माध्यम से केदारनाथ धाम के तीर्थपुरोहित डॉ. मुकेश तिवारी और देवप्रयाग के पं. भास्कर जोशी ने भी भाग लिया।
पूर्व धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल ने स्पष्ट कहा कि पूर्ण कर्मकाल केवल 20 अक्टूबर की प्रदोष रात्रि में ही उपलब्ध है, अतः 21 अक्टूबर पर विचार आवश्यक नहीं है।
चारों धाम — बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री — के धर्माचार्यों, विद्वानों और ज्योतिषाचार्यों ने सर्वसम्मति से घोषणा की है कि इस वर्ष दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को ही मनाया जाएगा।
Reported By: Arun Sharma












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