भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने राज्यसभा में उत्तराखंड में लगातार बढ़ती मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से विशेष कार्ययोजना बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के बाद से वन्यजीव हमलों में मौत और घायल होने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं, जिसके कारण आम जनता भय और असुरक्षा के वातावरण में जी रही है।
भट्ट ने सदन में विस्तृत आंकड़े रखते हुए बताया कि पिछले 25 वर्षों में वन्यजीव हमलों में 1264 लोगों की मौत और 6519 लोग घायल हुए हैं। इनमें गुलदार के हमलों में 546 मौतें और 2126 घायल, हाथी में 230 मौतें और 234 घायल, बाघ में 106 मौतें और 134 घायल, भालू में 71 मौतें और 2012 घायल, सांप के काटने से 360 मौतें और 1056 घायल, जबकि मगरमच्छ के हमलों में 69 मौतें और 44 घायल शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान वर्ष में ही अब तक 24 लोगों की जान वन्यजीव हमलों में जा चुकी है और 130 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। भट्ट ने पौड़ी, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी और रुद्रप्रयाग की हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए स्थिति की भयावहता पर ध्यान आकर्षित किया।
सांसद महेंद्र भट्ट ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि उत्तराखंड समेत हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाए। साथ ही मृतकों के परिजनों को अधिक मुआवजा देने, घायलों के मुफ्त व संपूर्ण इलाज तथा प्रभावित परिवारों की समुचित सहायता के लिए केंद्र–राज्य की साझा नीति शीघ्र बनाई जाए।
Reported By: Arun Sharma












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