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पिथौरागढ़ में हाल ही में हुए तीन हत्याकांडों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया। मुनस्यारी–धारचूला बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर आयोजित इस धरना–प्रदर्शन में मृतक प्रदीप सिंह दरियाल, बसंती देवी शाही और प्रकाश सिंह बिष्ट के परिजन भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा जांच संबंधी कोई अपडेट परिजनों को नहीं दिया जा रहा, जिसके चलते आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
समिति के संयोजक एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में पुलिस जांच पर गंभीर सवाल उठाए गए। उन्होंने कहा कि एसआईटी गठित होने के बावजूद लंबे समय बाद भी हत्यारों का सुराग न मिलना आश्चर्यजनक है। उन्होंने मांग की कि यदि उत्तराखंड पुलिस इन मामलों को सुलझाने में सक्षम नहीं है, तो जांच तत्काल सीबीआई को सौंपी जाए।
जिलाधिकारी आशीष कुमार भटगांई को सीएम को संबोधित ज्ञापन भेजा गया और स्पष्ट कहा गया कि अब सीबीआई जांच से कम कुछ भी स्वीकार नहीं होगा। कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी प्रदर्शन में भाग लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
इसी बीच पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने परिजनों व प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की। उन्होंने बताया कि प्रदीप और बसंती मामले की मुख्य जांच रिपोर्ट अभी लंबित है, क्योंकि सैंपल देहरादून, चंडीगढ़, हिसार और दिल्ली की प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं। एसपी ने आश्वासन दिया कि दो माह के भीतर रिपोर्ट आने की संभावना है और पुलिस लगातार रिमाइंडर भेज कर प्रक्रिया तेज कर रही है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि जांच अधिकारी हर सप्ताह परिजनों को अपडेट देंगे और कोई भी अपराधी बच नहीं पाएगा।
एसपी की आश्वासन भरी बातचीत के बाद समिति ने फिलहाल आंदोलन स्थगित कर दिया है। समिति ने कहा कि वे जांच रिपोर्ट का इंतजार करेंगे और जल्द ही मुख्यमंत्री से देहरादून में मुलाकात कर अपनी मांग दोहराएंगे।












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