मुंबई में गांधीवादी विचारों, सेवा और मानवता को समर्पित 47वां जमनालाल बजाज पुरस्कार समारोह भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस वर्ष के आयोजन में परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष एवं आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
समारोह में जमनालाल बजाज फाउंडेशन ने चार प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किए, जिनका उद्देश्य गांधीजी के आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाना और समाज में निःस्वार्थ कार्य करने वाले व्यक्तित्वों को सम्मान देना है। पुरस्कार ग्रामीण विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, महिला–बाल कल्याण तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गांधीवादी मूल्यों के प्रसार के लिए समर्पित रहे।
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने अपने संबोधन में कहा कि “सेवा ही सच्ची साधना है” और जिन विभूतियों को सम्मान मिला है, वे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर बढ़ते देश में गांधीजी के मूल्यों को जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दिया।
फाउंडेशन ने जमनालाल बजाज जी के योगदान को याद करते हुए कहा कि यह पुरस्कार केवल सम्मान नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का दीपक हैं। विजेताओं के कार्य ग्रामीण शिक्षा, जल प्रबंधन, महिला स्वास्थ्य, जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में गांधीवादी ‘सर्वोदय’ के सपने को साकार करते हैं।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें आयोजकों ने कहा कि 47 वर्षों की यह परंपरा मानवता, विनम्रता और राष्ट्रसेवा के मूल्यों को निरंतर मजबूत करती रही है।
Reported By: Arun Sharma












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