सचिवालय में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय एआरटी एंड सरोगेसी बोर्ड की बैठक आयोजित हुई। बैठक में एआरटी अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी अधिनियम-2021 के प्रभावी क्रियान्वयन, नैतिक मानकों और पारदर्शिता पर विस्तृत चर्चा की गई।
डॉ. रावत ने बताया कि अधिनियमों के लागू होने से अब तक 56,008 लोगों ने चिकित्सकीय परामर्श लिया है, वहीं 10,560 विवाहित दंपत्तियों ने आईयूआई व आईवीएफ तकनीक से गर्भधारण का लाभ पाया है। उन्होंने अधिनियम से लाभान्वित दंपत्ति रश्मि व नितिन शर्मा के पुत्र आयांश को शुभकामनाएँ भी दीं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बांझपन की समस्या पर अपने विचार रखते हुए प्रभावी क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश दिए। अपर सचिव स्वास्थ्य अनुराधा पाल ने विभिन्न विभागों के बीच समन्वय पर बल दिया।
राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुनीता चुफाल ने प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि प्रदेश में 8 लेवल-1 और 29 लेवल-2 एआरटी क्लीनिक पंजीकृत हैं, साथ ही 11 एआरटी बैंक और 2 सरोगेसी क्लीनिक भी संचालित हैं। देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में इनकी सर्वाधिक संख्या है।
बैठक में यह भी साझा किया गया कि अधिनियमों के ठोस क्रियान्वयन हेतु राज्य व जिला स्तर पर बोर्ड और मेडिकल कमेटियों का गठन किया गया है, जिससे निःसंतान दंपत्तियों को सुरक्षित व पारदर्शी तरीके से संतान सुख मिल सके।
Reported By: Arun Sharma













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