राज्य स्थापना के बाद उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार विस्तार और सुदृढ़ीकरण हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन से आम जनता को स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। मातृ-शिशु स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण, रक्त संचरण और जन-जागरूकता के क्षेत्र में राज्य ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं।
एस.आर.एस. 2021-23 रिपोर्ट के अनुसार राज्य में मातृ मृत्यु अनुपात घटकर 91 प्रति लाख जीवित जन्म हो गया है, जो 12.5 प्रतिशत की कमी दर्शाता है। वहीं नवजात मृत्यु दर 14, शिशु मृत्यु दर 20 और पांच वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर 23 प्रति हजार जीवित जन्म दर्ज की गई है।
प्रदेश में 95 प्रतिशत प्रसव अब संस्थागत रूप से हो रहे हैं। फरवरी 2025 में ‘पल्स एनीमिया अभियान’ के तहत 57 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच की गई।
राज्य में 2059 आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हैं, जिनसे हर वर्ष 34 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं। अब तक 28.80 लाख लोगों की ब्लड प्रेशर व शुगर जांच, 28.4 लाख की मुख कैंसर और 13.1 लाख महिलाओं की स्तन कैंसर जांच की जा चुकी है।
रक्त संचरण सेवाओं को मजबूत करते हुए राज्य में 67 रक्तकोष स्थापित किए गए हैं। वहीं टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में भी उत्तराखंड देश में अग्रणी है — राज्य ने लक्ष्य से अधिक 113% टीबी रोगी खोजे हैं। इसके अलावा सिकल सेल उन्मूलन मिशन के तहत 1.53 लाख से अधिक लाभार्थियों की स्क्रीनिंग की गई है।
Reported By: Arun Sharma












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