विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार पर गंभीर प्रवृत्ति के मामलों को वापस लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि लूट-खसोट, जालसाजी, फर्जीवाड़ा, हत्या के प्रयास, भूमि कब्जा और फर्जी डिग्री जैसे मामलों में सरकारें जनहित का दिखावा कर अपराधियों को संरक्षण दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि धारा 321 के तहत मुकदमे केवल जनहित में ही वापस लिए जा सकते हैं, लेकिन इसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा है। नेगी ने कहा कि जनता के आंदोलनों से जुड़े मुकदमे ही जनहित के दायरे में आते हैं, न कि अपराधियों के खिलाफ दर्ज मामले।
उन्होंने बताया कि अभियोजन और पुलिस-प्रशासन द्वारा विरोध किए जाने के बावजूद सरकारें नियम-कानूनों को ताक पर रखकर मुकदमे वापस लेती रही हैं, जिससे पीड़ित पक्षों के साथ अन्याय होता है।
नेगी ने उच्च न्यायालय के 2012 के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि अदालत ने स्पष्ट किया था कि केवल जनहित संबंधी मामलों में ही मुकदमे वापसी की अनुमति दी जा सकती है। मोर्चा ने राजभवन से मांग की है कि गंभीर प्रवृत्ति के मुकदमे वापस लेने पर सरकार को तत्काल रोक लगाने और उचित कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं।
Reported By: Arun Sharma












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