Friday, December 5, 2025
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Contact
Crime Patrol
  • उत्तराखंड
  • राजनीती
  • हेल्थ
  • विश्व
  • रोजगार
  • मनोरंजन
  • फैशन
  • पर्यटन
  • धार्मिक
  • त्‍योहार
  • अर्थव्यवस्था
  • अपराध
No Result
View All Result
Crime Patrol
No Result
View All Result
Home विश्व

रूस में बड़ा भूकंप और मध्य हिमालय में बढ़ता भूकंपीय जोखिम

30 जुलाई 2025 को रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने वैश्विक स्तर पर भूकंपीय गतिविधियों के प्रति चिंता को और बढ़ा दिया।

Crime Patrol by Crime Patrol
August 1, 2025
in विश्व
Reading Time: 1 min read
0 0
A A
0
earthquake
6
VIEWS

30 जुलाई 2025 को रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने वैश्विक स्तर पर भूकंपीय गतिविधियों के प्रति चिंता को और बढ़ा दिया। यह भूकंप, जो प्रशांत महासागर में सुनामी का कारण बना, न केवल रूस, जापान, और अमेरिका जैसे देशों के लिए खतरा बना, बल्कि हिमालयी क्षेत्र, विशेष रूप से मध्य हिमालय (उत्तराखंड और पश्चिमी नेपाल) में भूकंपीय जोखिम को भी उजागर करता है। दिवंगत प्रसिद्ध भूगर्भशास्त्री प्रोफेसर के.एस. वल्दिया ने लंबे समय से मध्य हिमालय में 8.0 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप की चेतावनी दी थी। रूस में हालिया भूकंप ने उनकी चेतावनी को और प्रासंगिक बना दिया है, क्योंकि यह वैश्विक टेक्टोनिक गतिविधियों की तीव्रता और हिमालय की भूकंपीय संवेदनशीलता की याद दिलाता है।

रूस में भूकंप: वैश्विक परिप्रेक्ष्य

इसे भी पढ़ें

No Content Available

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप को मार्च 2011 के जापान भूकंप (9.1 तीव्रता) के बाद दुनिया का सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जा रहा है। यह भूकंप समुद्र तल के नीचे 19.3 किलोमीटर की गहराई पर आया और इसके परिणामस्वरूप 3-5 मीटर ऊंची सुनामी लहरें उठीं, जिन्होंने जापान, अलास्का, और अन्य प्रशांत तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी करवाया। कामचटका क्षेत्र ‘पैसिफिक रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है, जो दुनिया का सबसे भूकंप-प्रवण क्षेत्र है। इस भूकंप ने इमारतों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन उन्नत चेतावनी प्रणालियों के कारण हताहतों की संख्या सीमित रही। यह भूकंप वैश्विक टेक्टोनिक गतिविधियों की तीव्रता को दर्शाता है। भारतीय उपमहाद्वीप, जो भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के टकराव के क्षेत्र में स्थित है, भी इसी तरह की टेक्टोनिक गतिविधियों से प्रभावित है। रूस का यह भूकंप हिमालयी क्षेत्र में जमा टेक्टोनिक तनाव की ओर ध्यान आकर्षित करता है, जहां प्रोफेसर वल्दिया ने बार-बार बड़े भूकंप की आशंका जताई है।

मध्य हिमालय का भूगोल

मध्य हिमालय, जिसे लघु हिमालय या हिमाचल के नाम से भी जाना जाता है, हिमालय पर्वत प्रणाली का मध्य भाग है। यह महान हिमालय (हिमाद्रि) के दक्षिण में और शिवालिक श्रेणी के उत्तर में स्थित है। इसका विस्तार पश्चिम से पूर्व की ओर लगभग 2400 किलोमीटर तक है, जो पाकिस्तान के पूर्वी भाग से शुरू होकर भारत, नेपाल, भूटान होते हुए म्यांमार तक फैला हुआ है। भारत में, यह जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैला है, लेकिन मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर के पीर पंजाल, हिमाचल प्रदेश के धौलाधार, उत्तराखंड के मसूरी और नागटिब्बा श्रेणियों में प्रमुख है। इसकी औसत ऊंचाई 3700 से 4500 मीटर तक है, और चौड़ाई लगभग 50-80 किलोमीटर। इसके अलावा, पूर्वी भाग में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्से भी शामिल हैं। यह क्षेत्र नेपाल और भूटान में भी विस्तृत है, जहां महाभारत और डोक्या श्रेणियां प्रमुख हैं।

भूकंप का इतिहास

मध्य हिमालय में भूकंपों का लंबा इतिहास है, जो पिछले 1000 वर्षों में कई बड़े भूकंपों से भरा है। प्रमुख घटनाएं:
1505 का भूकंप : मध्य हिमालय (नेपाल-उत्तर भारत) में 8.2 तीव्रता का, जिसमें हजारों मौतें हुईं।
1803 का गढ़वाल भूकंप : उत्तराखंड में 7.5-8 तीव्रता का, बड़े पैमाने पर तबाही।
1833 का नेपाल भूकंप : काठमांडू क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का।
1934 का बिहार-नेपाल भूकंप : 8.1 तीव्रता का, जिसमें 10,000 से अधिक मौतें, मध्य हिमालय को प्रभावित किया।
2015 का गोरखा भूकंप : नेपाल में 7.8 तीव्रता का, जो मध्य हिमालय के केंद्र में था, भारत के उत्तराखंड और बिहार तक प्रभाव।
इसके अलावा, 1897 का शिलांग, 1905 का कांगड़ा (पश्चिमी लेकिन सीमावर्ती), और 1950 का असम भूकंप भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। पिछले 500 वर्षों में कम से कम 4-5 बड़े भूकंप (8+ तीव्रता) आए हैं, लेकिन सतह पर फटने वाले कम हैं।

उत्तराखंड, जो मध्य हिमालय का हिस्सा है, भूकंपीय जोन V में आता है, जो भारत में सबसे अधिक जोखिम वाला क्षेत्र है। यहाँ 1803 (गढ़वाल, ~7.5-8.0), 1991 (उत्तरकाशी, 6.8), और 1999 (चमोली, 6.6) जैसे भूकंप आए हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि सेंट्रल सिस्मिक गैप में जमा ऊर्जा 8.0 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप को जन्म दे सकती है।

मध्य हिमालय में भूकंपीय जोखिम

हिमालय विश्व के सबसे सक्रिय टेक्टोनिक क्षेत्रों में से एक है। भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे प्रतिवर्ष 4-5 सेंटीमीटर की दर से सरक रही है, जिससे मध्य हिमालय में तनाव जमा हो रहा है। इस क्षेत्र में मेन फ्रंटल थ्रस्ट (MFT), मेन सेंट्रल थ्रस्ट (MCT), और मेन बाउंड्री थ्रस्ट (MBT) जैसी प्रमुख फॉल्ट लाइनें हैं, जो भूकंप का कारण बन सकती हैं। मध्य हिमालय में सेंट्रल सिस्मिक गैप (Central Seismic Gap) के रूप में जाना जाने वाला क्षेत्र पिछले 200-500 वर्षों से बड़े भूकंप (8.0+ तीव्रता) से अछूता रहा है, जिससे यहाँ तनाव का संचय और जोखिम बढ़ गया है।

प्रोफेसर के.एस. वल्दिया की चेतावनी

प्रोफेसर खड़क सिंह वल्दिया, एक प्रसिद्ध भारतीय भूगर्भशास्त्री, ने अपने शोध में मध्य हिमालय में बड़े भूकंप की आशंका को बार-बार रेखांकित किया है। उनके अनुसार, सेंट्रल सिस्मिक गैप में टेक्टोनिक तनाव का संचय इतना अधिक है कि यह कभी भी 8.0+ तीव्रता के भूकंप का कारण बन सकता है। उनकी चेतावनियाँ निम्नलिखित बिंदुओं पर आधारित हैं
•ऐतिहासिक शांति : मध्य हिमालय में 1803 के बाद कोई बड़ा भूकंप नहीं आया, जिससे तनाव जमा हो रहा है।
•टेक्टोनिक गतिविधि : भारतीय और यूरेशियन प्लेटों का निरंतर टकराव हिमालय को भूकंपीय रूप से अस्थिर बनाता है।
•भूस्खलन और बांध : अनियोजित निर्माण, बड़े बांध (जैसे टिहरी), और भूस्खलन जोखिम को और बढ़ाते हैं। वल्दिया ने चेतावनी दी थी कि बांधों से प्रेरित भूकंप (induced seismicity) भी संभव है।
•छोटे भूकंपों का पैटर्न : उत्तराखंड में हाल के वर्षों में 3.0-4.0 तीव्रता के छोटे भूकंपों की आवृत्ति बढ़ी है, जो जमा ऊर्जा का संकेत है।
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने भी इस बात की पुष्टि की है कि छोटे भूकंप जमा ऊर्जा का संकेत हैं, लेकिन यह धारणा गलत है कि ये बड़े भूकंप को रोक सकते हैं।

रूस के भूकंप और मध्य हिमालय की चिंता

रूस में 8.8 तीव्रता का भूकंप वैश्विक टेक्टोनिक गतिविधियों की तीव्रता को दर्शाता है। हालांकि यह भूकंप प्रशांत रिंग ऑफ फायर में हुआ, लेकिन यह हिमालय जैसे अन्य टेक्टोनिक रूप से सक्रिय क्षेत्रों में जोखिम की याद दिलाता है। निम्न भूकंपों की संभावना को बढ़ा सकता है। उदाहरण के लिए, जेएनयू के प्रोफेसर पवन गुप्ता ने बताया कि रूस के भूकंप का प्रभाव 12 से अधिक देशों में महसूस हुआ, और इससे उत्पन्न सुनामी की लहरें 3-4 मीटर ऊंची थीं। यह वैश्विक भूकंपीय जोखिम की गंभीरता को दर्शाता है।

मध्य हिमालय के संदर्भ में, रूस का भूकंप निम्नलिखित कारणों से चिंता बढ़ाता है:

* टेक्टोनिक समानता : रूस का भूकंप और हिमालयी भूकंप दोनों टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव से उत्पन्न होते हैं। रूस में प्रशांत प्लेट और उत्तर अमेरिकी प्लेट का टकराव है, जबकि हिमालय में भारतीय और यूरेशियन प्लेटों का। दोनों क्षेत्रों में बड़े भूकंप की संभावना समान है।
•सुनामी और भूस्खलन जोखिम : रूस में भूकंप के बाद सुनामी आई, जबकि हिमालय में भूकंप भूस्खलन और नदियों के अवरुद्ध होने का कारण बन सकता है, जैसा कि 2013 केदारनाथ आपदा में देखा गया।
•चेतावनी प्रणाली की कमी: रूस में उन्नत भूकंप चेतावनी प्रणाली ने नुकसान को कम किया, लेकिन भारत, विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्र, में ऐसी प्रणाली अभी विकसित नहीं है।

जोखिम न्यूनीकरण के उपाय
रूस के भूकंप और प्रोफेसर वल्दिया की चेतावनी के आलोक में, मध्य हिमालय में भूकंपीय जोखिम को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय आवश्यक हैं:
भूकंप-रोधी निर्माण : भवनों को भारतीय मानक ब्यूरो (IS 1893) के भूकंप-रोधी मानकों के अनुसार बनाना।
चेतावनी प्रणाली: राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र द्वारा हिमालयी क्षेत्र में सेंसर-आधारित चेतावनी प्रणाली स्थापित करने पर काम चल रहा है।
जागरूकता: स्थानीय समुदायों को भूकंप सुरक्षा प्रशिक्षण देना।
पर्यावरण संरक्षण : वनों का संरक्षण और अनियोजित निर्माण पर नियंत्रण।
शोध और निगरानी : जीपीएस और सिस्मिक स्टेशनों के माध्यम से टेक्टोनिक गतिविधियों की निरंतर निगरानी
—
संदर्भ
महान भूगर्भ -विज्ञानी प्रो के एस वल्दिया, का शोध पत्र
प्रोफेसर वल्दिया की प्रमुख पुस्तकें जो मध्य हिमालय से संबंधित हैं:
“Geology of the Kumaun Lesser Himalaya” (1980)
“The Making of India: Geodynamic Evolution” (2010)
“Dynamic Himalaya” (1998)
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून
के वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार
प्रोफेसर पवन गुप्ता, जेएनयू का वक्तव्य
भास्कर डॉट कॉम
लाइव हिंदुस्तान
न्यूज़18,
एनडीटीवी इंडिया
टीवी9

Reported By: Shishpal Gusain

Previous Post

हॉकी इंडिया सब जूनियर में उत्तराखंड का शानदार प्रदर्शन

Next Post

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ‘भारत युवा पुरस्कार’ से सम्मानित

Next Post
Dr. Dhan Singh Rawat

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ‘भारत युवा पुरस्कार’ से सम्मानित

Lachu Bhai

बागेश्वर के लच्छू भाई की प्रेरणादायक जीत

Discussion about this post

RECOMMENDED NEWS

Congress

रजत जयंती पर कांग्रेस ने 1 से 14 नवंबर तक कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की

1 month ago
Social media

प्रियांक को सोशल मीडिया पर शोध के लिए पीएचडी की उपाधि

2 days ago
Congress

संविधान दिवस पर कांग्रेस मुख्यालय में कार्यक्रम

1 week ago
रामनगर में गर्मी से बेहाल वन्यजीव, आबादी में घुसे सांप – 3 दिनों में 30 सर्पों का रेस्क्यू

रामनगर में गर्मी से बेहाल वन्यजीव, आबादी में घुसे सांप – 3 दिनों में 30 सर्पों का रेस्क्यू

3 months ago

FOLLOW US

    BROWSE BY CATEGORIES

    • Blog
    • अपराध
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • त्‍योहार
    • दिल्ली
    • दुर्घटना
    • देहरादून
    • धार्मिक
    • पर्यटन
    • पुलिस
    • फैशन
    • मनोरंजन
    • राजनीती
    • राष्ट्रीय
    • रोजगार
    • विश्व
    • शिक्षा
    • हेल्थ

    POPULAR NEWS

    • Chadi Yatra

      मुख्यमंत्री धामी ने मां माया देवी मंदिर से छड़ी यात्रा का किया शुभारंभ

      0 shares
      Share 0 Tweet 0
    • अग्निपथ योजना रद्द करने को कांग्रेस का आंदोलन

      0 shares
      Share 0 Tweet 0
    • CBI की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस करेगी कूच

      0 shares
      Share 0 Tweet 0
    • मानव उत्थान सेवा समिति ने चलाया स्वच्छ भारत अभियान

      0 shares
      Share 0 Tweet 0
    • देहरादून में भव्य रामलीला महोत्सव 2025

      0 shares
      Share 0 Tweet 0
    Crime Patrol Logo

    Crime Patrol is a trusted website that brings you real crime stories, latest news, health updates, and trending topics from around the world. Our mission is to spread awareness through true incidents, police investigations, and social issues that impact everyday life. We also provide useful health tips, wellness advice, and lifestyle content to help you stay informed and safe. Updated daily with verified and engaging content, Crime Patrol keeps you connected with reality. Whether it’s a shocking crime case or essential health info – we deliver news that matters.

    Follow us on social media:

    Recent News

    • उत्तराखंड क्रांति दल ने भू-कानून और मूल-निवास मुद्दे पर सरकार को घेरा
    • AISNA के दो पदाधिकारी प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य मनोनीत
    • गर्भवती महिला से दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार

    Category

    • Blog
    • अपराध
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • त्‍योहार
    • दिल्ली
    • दुर्घटना
    • देहरादून
    • धार्मिक
    • पर्यटन
    • पुलिस
    • फैशन
    • मनोरंजन
    • राजनीती
    • राष्ट्रीय
    • रोजगार
    • विश्व
    • शिक्षा
    • हेल्थ

    Recent News

    UKD

    उत्तराखंड क्रांति दल ने भू-कानून और मूल-निवास मुद्दे पर सरकार को घेरा

    December 5, 2025
    Press Council of India

    AISNA के दो पदाधिकारी प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य मनोनीत

    December 5, 2025
    • About
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Contact

    © 2025 All Rights Reserved By: Crime Patrol

    No Result
    View All Result
    • उत्तराखंड
    • राजनीती
    • हेल्थ
    • विश्व
    • रोजगार
    • मनोरंजन
    • फैशन
    • पर्यटन
    • धार्मिक
    • त्‍योहार
    • अर्थव्यवस्था
    • अपराध

    © 2025 All Rights Reserved By: Crime Patrol

    Welcome Back!

    Login to your account below

    Forgotten Password?

    Retrieve your password

    Please enter your username or email address to reset your password.

    Log In