राजधानी देहरादून के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने विश्व स्ट्रोक दिवस के मौके पर लोगों को स्ट्रोक के प्रति सतर्क रहने और समय पर उपचार की महत्ता समझाई। हर साल 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है, जो दुनिया भर में स्ट्रोक से होने वाली मौत और अपंगता के खतरे को रेखांकित करता है।
इस वर्ष की थीम “रोकथाम की शक्ति: अपने दिमाग की रक्षा करें” के तहत कार्यक्रम में बताया गया कि जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव स्ट्रोक के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं।
न्यूरोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. शमशेर द्विवेदी ने कहा कि स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें दिमाग में रक्त का प्रवाह रुकने से कुछ ही मिनटों में ब्रेन सेल्स नष्ट होने लगते हैं। ऐसे में लकवा, बोलने में परेशानी और याददाश्त में कमी जैसे गंभीर असर हो सकते हैं। इसलिए शुरुआती लक्षण पहचानकर तुरंत उपचार बहुत जरूरी है।
सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नितिन गर्ग ने बताया कि लगभग 90% स्ट्रोक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से रोके जा सकते हैं। संतुलित आहार, नियमित एक्सरसाइज और हाई बीपी, डायबिटीज, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल व धूम्रपान पर नियंत्रण स्ट्रोक की रोकथाम के सबसे प्रभावी उपाय हैं।
अस्पताल प्रबंधन ने लोगों से नियमित स्वास्थ्य जांच कराने और स्ट्रोक के लक्षणों को तुरंत पहचानने की अपील की, ताकि समय रहते जीवन बचाया जा सके और स्थायी विकलांगता से बचा जा सके।
डॉ.नितिन गर्ग,न्यूरोलॉजी विभाग सीनियर कंसल्टेंट मैक्स हॉस्पिटल
डॉ. शमशेर द्विवेदी न्यूरोलॉजी विभाग डायरेक्टर मैक्स हॉस्पिटल
Reported By; Shiv Narayan













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