मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुनस्यारी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक एवं निर्वतमान जिला पंचायत सदस्य जगत सिंह मर्तोलिया ने सीमांत क्षेत्र के विकास और नीतिगत सुझावों पर आधारित ज्ञापन प्रस्तुत किया। ज्ञापन में मुनस्यारी और धारचूला के विकास, इकोसिस्टम संरक्षण, कृषि और बागवानी, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बकरी पालन जैसी विभिन्न मांगें शामिल थीं।
मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
मुनस्यारी व धारचूला को इनर लाइन क्षेत्र में लाने के लिए प्रस्ताव भेजना।
मुनस्यारी में स्थायी उप जिलाधिकारी की तैनाती।
खालिया टॉप क्षेत्र को शून्य क्षेत्र घोषित कर इकोसिस्टम और जल भंडारण का संरक्षण।
मल्ला जोहर क्षेत्र के ग्रामों को वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल करना।
सीमा क्षेत्र में बंदर, लंगूर, भालू और आवारा पशुओं से कृषि को सुरक्षा देने हेतु विशेष नीति और बजट।
मोटर मार्ग थल–मुनस्यारी (मसुरीकांडा) के लिए विशेष बजट।
बकरी पालन के लिए पिलखौनधार में नहाने की टंकी का निर्माण।
राजकीय महाविद्यालय मुनस्यारी में विज्ञान कक्षाओं का प्रारंभ।
सीमांत क्षेत्र में प्राथमिक से माध्यमिक तक शिक्षकों की स्थानीय आधार पर नियुक्ति।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण और उप जिला चिकित्सालय का गठन।
चीन सीमा क्षेत्र के मल्ला जोहर के लिए प्रस्तावित कार्यों में शामिल हैं:
ग्रामों को वाइब्रेंट विलेज सूची में शामिल करना।
हिमालय विकास आयोग एवं प्राधिकरण का गठन।
ज्ञानिमा मंडी से भारत–चीन व्यापार और कैलाश मानसरोवर यात्रा का विकास।
गोरी नदी से सिंचाई हेतु हाईड्रम योजना।
जैविक खेती, सब्ज़ी उत्पादन और बागवानी के लिए अलग नीति और बजट।
500 वर्षीय भोज पत्र के जंगल का हैरिटेज संरक्षण।
बुग्यालों में कस्तूरी, मौनाल, स्नो लेफर्ड और सफेद भालू संरक्षण के लिए टूरिज्म कॉरिडोर।
मिलम ग्लेशियर मार्ग में शून्य प्रदूषण वाहनों की नीति।
ग्रामों में स्वरोजगार, पौध रोपण, संरक्षण, होमस्टे और आधुनिक तकनीक के भवन निर्माण हेतु विशेष बजट एवं 80% अनुदान।
जगत सिंह मर्तोलिया ने कहा कि इन सुझावों और परियोजनाओं से सीमांत क्षेत्र का सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन संवर्धन और स्थानीय लोगों का आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा।
Reported By: Arun sharma












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