आज पूरे देश में भारतीय वायु सेना दिवस गर्व और सम्मान के साथ मनाया गया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि वायु सेना के जवानों का साहस, समर्पण और अनुशासन हर भारतीय के हृदय में गर्व और श्रद्धा का भाव जगाता है।
उन्होंने वायु सेना के ध्येय वाक्य “नभः स्पृशं दीप्तम्” का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत आज आकाश ही नहीं, बल्कि विश्व पटल पर भी नई ऊँचाइयों को छू रहा है। स्वामी जी ने वायु सेना के युद्धकालीन योगदान, प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य और मानवीय सेवा को अद्वितीय बताते हुए वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
स्वामी जी ने कहा कि भारतीय वायु सेना न केवल अत्याधुनिक तकनीक और हथियारों से, बल्कि अपने अनुशासन और राष्ट्रभक्ति से विश्व में प्रतिष्ठित है। उनका समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा बना रहेगा।
इस अवसर पर स्वामी जी ने आधुनिक हिंदी साहित्य के महान लेखक मुंशी प्रेमचंद जी की पुण्यतिथि पर भी उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद की रचनाएँ समाज की असमानताओं और मानवता के संदेश को जीवित करती हैं और आज भी मार्गदर्शन का स्रोत हैं।
Reported By: Arun Sharma












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