हर वर्ष 1 अगस्त को विश्व लंग्स कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य है लोगों को इस जानलेवा रोग के प्रति जागरूक करना और समय रहते इससे बचाव के उपायों को बढ़ावा देना। यह दिन हमें चेतावनी देता है कि यदि हमने आज अपनी सांसों की सुरक्षा नहीं की, तो कल बहुत देर हो सकती है।
आज लंग्स कैंसर केवल धूम्रपान करने वालों तक सीमित नहीं रह गया है। वायु प्रदूषण, असंतुलित जीवनशैली, तली-भुनी चीजों का सेवन और शारीरिक निष्क्रियता जैसे कारणों से यह बीमारी तेजी से आम हो रही है। बच्चों, युवाओं, और महिलाओं में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी कहते हैं, “फेफड़े जीवन का आधार हैं, सांसों का स्रोत हैं। जब हवा ही विषैली हो जाए, तो सबसे पहला आघात इन्हीं पर होता है।” प्रदूषित वातावरण, वाहनों का धुआं, फैक्ट्रियों का उत्सर्जन और घरों का प्रदूषण – ये सब हमारी सांसों को छीन रहे हैं।
इसका समाधान भी हमारे ही हाथों में है।
पौधारोपण करें और पर्यावरण को शुद्ध बनाएं।
धूम्रपान से दूरी बनाएँ और दूसरों को भी प्रेरित करें।
प्राणायाम, योग और सात्विक आहार को जीवन में अपनाएं।
मास्क पहनें, विशेषकर प्रदूषित क्षेत्रों में जाते समय।
भोजन को औषधि मानें और शुद्ध, ताजा, और पौष्टिक आहार लें।
फेफड़ों की रक्षा के लिए किसी बड़े बदलाव की नहीं, बल्कि छोटे-छोटे संकल्पों की आवश्यकता है। जागरूकता ही इस बीमारी से बचाव का सबसे कारगर उपाय है।
आइए, इस विश्व लंग्स कैंसर दिवस पर संकल्प लें –
स्वस्थ शरीर, स्वच्छ हवा और सात्विक जीवनशैली को अपनाकर
हम स्वयं को और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित बनाएँ।
Reported By: Arun Sharma












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