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जिलाधिकारी सविन बंसल के जनता दर्शन में लगातार टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित लोगों द्वारा भू-खण्ड आवंटन में अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ रही हैं। पुलमा देवी के मामले के बाद अचानक शिकायतों की संख्या बढ़ने पर जिलाधिकारी ने गंभीरता दिखाते हुए सचिव सिंचाई उत्तराखंड शासन को जांच की संस्तुति भेजी है।
जिलाधिकारी ने टिहरी बांध पुनर्वास विभाग द्वारा किए गए आवासीय भू-खण्ड आवंटन में व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी और भूमि घोटाले की आशंका जताते हुए विशेष जांच दल से जांच की मांग की है। उन्होंने शासन को भेजी रिपोर्ट में कहा कि यह मामले गंभीर प्रवृत्ति के हैं और इनके पीछे विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता की भी संभावना है।

जनता दर्शन में पुलमा देवी, सुमेर चंद और आशीष चौहान जैसे कई लोगों ने पुनर्वास विभाग पर दोहरी भूमिधरी, अवैध कब्जे और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। उदाहरणस्वरूप, पुलमा देवी द्वारा खरीदी गई भूमि पर किसी अन्य महिला ने अवैध कब्जा कर लिया, जबकि उसी भू-खण्ड को दो बार अलग-अलग लोगों को आवंटित कर भूमिधरी दर्ज कर दी गई।
इसी तरह अटकफार्म के भू-खण्ड 28 और 29 पर भी अन्य व्यक्ति का अवैध कब्जा मिला, जबकि वास्तविक आवंटी का कब्जा ही नहीं है। भूमि से जुड़े कई मामलों में राजस्व अभिलेखों और स्थलीय जांच में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि विस्थापितों को न्याय मिल सके और भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।












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