रुड़की के इमली रोड क्षेत्र में सोमवार देर शाम सोशल मीडिया पर दलित समाज के पलायन की एक खबर वायरल होते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पोस्ट वायरल होने पर सिविल लाइन कोतवाली पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। लेकिन जांच में सामने आया कि मामला सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाह से बिल्कुल अलग था।
दो व्यक्तियों के विवाद को दिया गया पलायन का रूप
जानकारी के अनुसार, इमली रोड निवासी साजिद मालिक ने सिविल लाइन कोतवाली में तहरीर दी थी कि शादाब कुरैशी ने उनके बीच हुई कहासुनी के बाद दलित समाज को पलायन करने के लिए मजबूर किया और उनके घरों पर मांस के टुकड़े फेंके।
इस घटना को सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर “दलित समाज के सामूहिक पलायन” का रूप देकर वायरल कर दिया गया, जिससे माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई।
पुलिस जांच में खुली सच्चाई – मामला पूरी तरह झूठा
पुलिस मौके पर पहुंची और दलित समाज के परिवारों से पूछताछ की। जांच के बाद चौकाने वाली सच्चाई सामने आई—
✔ किसी भी परिवार ने पलायन की बात से साफ इनकार किया।
✔ कोई सामुदायिक तनाव नहीं पाया गया।
✔ यह सिर्फ दो व्यक्तियों के बीच का छोटा विवाद था।
✔ मुस्लिम समाज द्वारा किसी प्रकार का दबाव या उत्पीड़न नहीं किया गया।
स्थानीय दलित समाज के लोगों ने पुलिस को बताया कि वे क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम प्रेम, भाईचारे और सौहार्द के साथ रहते हैं। सोशल मीडिया पर फैल रही बातें पूरी तरह भ्रामक और झूठी हैं।
पुलिस करेगी अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई
सिविल लाइन कोतवाली पुलिस अब पूरे मामले की विवेचना कर रही है और सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि—
👉 किसी भी तरह की अफवाह या विवादित पोस्ट शेयर करने से पहले उसकी सत्यता अवश्य जांच लें।
👉 सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाने से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
Reported by: Praveen Bhardwaj














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