सिख धर्म के नौवें गुरु, वीर और धर्मनिष्ठ गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान दिवस 24 नवंबर 2025 को पूरे देश में श्रद्धांजलि के साथ मनाया जा रहा है। मात्र 54 वर्ष की आयु में उन्होंने हिंदुओं की रक्षा और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। मुगल शासक औरंगजेब के अत्याचारों के खिलाफ खड़े होकर उन्होंने अपने धर्म का अदम्य साहस दिखाया।
गुरु तेग बहादुर जी का जन्म 21 अप्रैल 1621 को अमृतसर में हुआ था। उन्होंने सामाजिक सेवा, गरीबों की सहायता और धार्मिक समरसता के कार्यों में जीवन समर्पित किया। उनके बलिदान के बाद उनके पुत्र गुरु गोविंद सिंह जी को नौवें गुरु का उत्तराधिकार मिला। दिल्ली के चांदनी चौक में उनके बलिदान की स्मृति में शीशगंज गुरुद्वारा बना, जहां आज भी श्रद्धालु उन्हें नमन करते हैं।
ऋषिकेश में उनके बलिदान दिवस के अवसर पर कई दिनों से नगर में प्रभात फेरी निकाली जा रही है। प्रत्येक दिन विभिन्न स्थानों पर प्रभात फेरी का स्वागत घर-घर किया जा रहा है, जिससे युवा पीढ़ी में गुरु तेग बहादुर जी के शौर्य, वीरता और धार्मिक प्रतिबद्धता की भावना को सशक्त किया जा रहा है।
350वें बलिदान दिवस पर देशभर में उनके साहस और त्याग को नमन करते हुए उन्हें “हिंद की चादर” के नाम से भी सम्मानित किया गया है। यह दिन धर्म, शौर्य और मानव मूल्यों के प्रति समर्पण की प्रेरणा देता है।
Reported By: Arun Sharma












Discussion about this post