उत्तराखंड की राजनीति में ब्राह्मण समाज को लेकर बयानबाज़ी एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के हालिया बयान में उन्होंने कहा था कि देश में बढ़ती नफरत को रोकने के लिए सनातन धर्म की उदार विचारधारा का प्रतिनिधित्व करने वाला ब्राह्मण समाज आगे आए। इस remark के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज हो गई है।
रुड़की के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और उत्तराखंड ब्राह्मण समाज के उपाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने हरीश रावत पर सीधा पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि वह राजनीतिक जमीन खिसकते देख ब्राह्मण समाज का नाम इस्तेमाल कर रहे हैं। कौशिक के अनुसार, सत्ता में रहते हुए हरीश रावत ने ब्राह्मणों की उपेक्षा की और इसी कारण ब्राह्मण मतदाताओं का झुकाव भाजपा की ओर बढ़ा।
कौशिक ने 2007 में अपना टिकट कटने और वरिष्ठ नेताओं के साथ रावत के मतभेदों का उल्लेख करते हुए इसे उनके राजनीतिक संकट का कारण बताया। उनकी राय में हरीश रावत की वर्तमान स्थिति उनके कर्मों का परिणाम है।
ब्राह्मण वोट बैंक उत्तराखंड की चुनावी राजनीति में हमेशा मायने रखता रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी चुनावों से पहले यह मुद्दा और अधिक प्रमुखता से उभर सकता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ब्राह्मण मतदाता किसी एक दल की ओर स्थिर रहते हैं या फिर राजनीतिक समीकरण समय के साथ बदलते हैं।
दिनेश कौशिक, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष, रुड़की
Reported By: Praveen Bhardwaj













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