प्रधानाचार्य सीमित विभागीय पदोन्नति परीक्षा समर्थक मंच ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा अनुपूरक विज्ञापन जारी करने के लिए आयोग और विभाग का आभार व्यक्त किया है l
प्रधानाचार्य सीमित विभागीय पदोन्नति परीक्षा समर्थक मंच के प्रांतीय महासचिव डॉक्टर कमलेश कुमार मिश्र ने कहा कि राज्य के 692 दुर्गम राजकीय इंटर कॉलेजों को इस परीक्षा के बाद स्थाई प्रधानाचार्य मिल पाएंगे , प्रधानाचार्य विभागीय परीक्षा में पंद्रह हजार एलटी और प्रवक्ता संवर्ग के शिक्षकों को परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा,
वर्तमान में राज्य में 1385 में से लगभग 1200 प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं, साथ ही हाई स्कूल प्रधानाध्यापक के 910 में से 830 से अधिक पद रिक्त हैं, हाईस्कूल प्रधानाध्यापक ही पदोन्नति के बाद प्रधानाचार्य बनते हैं , प्रधानाचार्य बनने के लिए उन्हें 5 वर्ष की सेवा प्रधानाध्यापक के पद पर करनी होती है, इस तरह से अगर आज 830 पदों को भर भी दिया जाए तब भी 5 साल बाद इंटर कॉलेजों को 830 प्रधानाचार्य ही मिल पाएंगे, प्रधानाचार्य के 555 पद 5 साल भी बाद भी रिक्त ही रहेंगे, जबकि वास्तविकता यह है की 5 साल में 830 में से लगभग 700 प्रधानाध्यापक सेवानिवृत हो जाएंगे, प्रधानाचार्य के हमेशा ही 600 से 700 पद रिक्त रहते हैं इन पदों को भरने के लिए सरकार द्वारा की गई इस कवायद का हम पुरजोर समर्थन करते हैं और परीक्षा को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सरकार का धन्यवाद देते हैं,
डॉक्टर कमलेश कुमार मिश्र
महामंत्री,प्रधानाचार्य सीमित
दिनेश चंद्र पांडे, अध्यक्ष ,प्रधानाचार्य सीमित
Reported By: Arun Sharma












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