पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में कहा कि आज भी न्याय व्यवस्था में ब्रिटिश काल की परंपरा कायम है, जिसमें सरकारी वकीलों की नियुक्ति सत्ताधारी दल की मर्जी से होती है। उन्होंने मांग की कि निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सरकारी वकीलों की भर्ती पारदर्शी परीक्षा प्रणाली से की जाए, ताकि भाई-भतीजावाद और पक्षपात खत्म हो।
मर्तोलिया का कहना है कि यदि यह व्यवस्था पहले से लागू होती तो पिथौरागढ़ की नन्ही परी को सुप्रीम कोर्ट तक न्याय मिल पाता। उन्होंने वादकारी को निजी वकील रखने का पूर्ण अधिकार देने की भी मांग की।
उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र की प्रति भेजते हुए कहा कि यदि सत्ताधारी नेताओं के बेरोजगार परिजनों को अवसर देना ही है तो उत्तराखंड में विधान परिषद बनाई जाए, परंतु सरकारी वकीलों की नियुक्तियों में पारदर्शिता से समझौता न हो। मर्तोलिया ने कहा कि न्याय व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव के बिना पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना मुश्किल है।

पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया
Reported By: Arun Sharma












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