क्राइम पेट्रोल: देहरादून स्थित एसडीसी फाउंडेशन द्वारा जारी ‘उत्तराखंड डिज़ास्टर एंड एक्सिडेंट एनालिसिस इनिशिएटिव (उदय)’ की जून 2025 रिपोर्ट ने राज्य में आपदाओं और दुर्घटनाओं की चिंताजनक तस्वीर पेश की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड में मौसम की अनिश्चितता, कमजोर ढांचागत व्यवस्थाएं, और लचर सुरक्षा प्रबंधन के चलते आपदाएं अब अपवाद नहीं, बल्कि सामान्य स्थिति बनती जा रही हैं।
15 जून को केदारनाथ के पास हुए हेलिकॉप्टर हादसे में सात लोगों की मौत, 6 जून को पिथौरागढ़ में वाहन दुर्घटना में छह की जान, और 26 जून को बद्रीनाथ जा रही बस के अलकनंदा में गिरने की घटनाएं इस गंभीर हालात की गवाही देती हैं। वहीं मानसून के चलते उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने चारधाम यात्रा को बाधित किया और कई जानें गईं।
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 1,100 से अधिक सक्रिय भूस्खलन जोन मौजूद हैं। राहत और बचाव के लिए 1,270 कर्मी, 489 जेसीबी, 25 बेली ब्रिज और 482 हेलीपैड तैनात किए गए हैं।
एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि ‘उदय रिपोर्ट्स’ का उद्देश्य सिर्फ आंकड़ों को सामने लाना नहीं, बल्कि नीति, प्रशासन और समाज को सतर्क करना है। रिपोर्ट राज्य सरकार से मजबूत अर्ली वॉर्निंग सिस्टम और पर्यावरणीय अनुपालन सुनिश्चित करने की अपील करती है।
जून 2025 की यह रिपोर्ट ‘उदय’ श्रृंखला की 33वीं कड़ी है, जो अक्टूबर 2022 से लगातार जारी की जा रही है।












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