दिव्यांग नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब प्रमाण पत्र बनवाने से लेकर फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक सलाह और कृत्रिम अंग जैसी सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। यह सुविधा जल्द ही देहरादून के जिला अस्पताल परिसर में स्थापित हो रहे दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) के माध्यम से मिल सकेगी। इस पहल की अगुवाई जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा की जा रही है।
डीडीआरसी की स्थापना का निर्णय 25 जून 2025 को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित जिला प्रभारी समिति की बैठक में लिया गया। समावेशी सेवा प्रणाली को प्राथमिकता देते हुए गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय के अंतर्गत एक हॉल और एक कक्ष को केंद्र संचालन के लिए उपयुक्त पाया गया है। निरीक्षण के बाद आवश्यक तैयारी जैसे मरम्मत, विद्युत व्यवस्था और फर्नीचर की व्यवस्था के निर्देश दे दिए गए हैं।
एकीकृत सेवाएं, एक स्थान पर:
डीडीआरसी केंद्र दिव्यांगजनों को प्रमाणन, कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र, फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक-सामाजिक परामर्श, कौशल विकास प्रशिक्षण और स्वरोजगार से जोड़ने की सुविधाएं देगा। केंद्र का संचालन समाज कल्याण विभाग की निगरानी में होगा और इसे भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार स्वैच्छिक संस्थाएं संचालित करेंगी। संचालन के लिए 14 पद स्वीकृत किए गए हैं, जिनका वेतन समाज कल्याण विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
यह केंद्र पहले हरबर्टपुर में और एक सब-सेंटर राजा रोड स्थित विद्यालय में संचालित हो रहा था, जिससे दिव्यांगजनों को असुविधा होती थी। अब सभी सेवाएं एक ही स्थान पर केंद्रीकृत कर दी जाएंगी।
समावेशी विकास की दिशा में अग्रसर:
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि शासन की मंशा है कि दिव्यांगजनों को सभी पुनर्वास सेवाएं एक स्थान से मिलें ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि कार्य में तेजी लाकर जल्द से जल्द केंद्र का संचालन शुरू किया जाए।
यह पहल दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक मजबूत और समावेशी कदम है।
Reported By: Shiv Narayan












Discussion about this post