पंजाब में आई भयानक बाढ़ की त्रासदी के बीच भी श्रद्धालुओं की आस्था श्री हेमकुंट साहिब में अदम्य विश्वास की मिसाल बनकर सामने आ रही है। हिमालय की ऊंची चोटियों पर स्थित इस पवित्र स्थल तक हजारों श्रद्धालु कठिन रास्तों और प्रतिकूल मौसम को पार कर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। यह सिख धर्म की मूल भावना चढ़दी कला को जीवंत करता है, जहां विपत्ति के बीच भी उत्साह और सकारात्मकता बनी रहती है।
बाढ़ ने जहां लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त किया है, वहीं श्रद्धालु बताते हैं कि परमात्मा में विश्वास उन्हें हर कठिनाई से लड़ने की शक्ति देता है। श्री हेमकुंट साहिब के कपाट 10 अक्टूबर को बंद होने वाले हैं, ऐसे में सीमित समय में अधिक से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 15 सितंबर से हेलीकॉप्टर सेवा पुनः शुरू की जा रही है। इससे वे श्रद्धालु भी आसानी से दर्शन कर सकेंगे जो पैदल यात्रा करने में असमर्थ हैं। स्थानीय प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधन समिति सुरक्षा, चिकित्सा और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है।
यह यात्रा दर्शाती है कि विपत्तियों के बीच भी आस्था की लौ बुझती नहीं, बल्कि और अधिक उज्ज्वल होकर राह दिखाती है।
Reported By: Arun Sharma












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