उत्तराखंड में सहकारिता विभाग 3 अक्टूबर से 31 दिसम्बर 2025 तक सभी 13 जनपदों में वृहद स्तर पर सहकारिता मेलों का आयोजन करने जा रहा है। इन मेलों का उद्देश्य राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना और ग्रामीण आर्थिकी को नई दिशा देना है।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासंघ ने वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया है, जिसकी थीम है—“कॉपरेटिव बिल्ड ए बेटर वर्ल्ड”। इसी कड़ी में इन विशेष थीम-आधारित मेलों का आयोजन होगा।
इन मेलों में किसानों, काश्तकारों, कारीगरों, महिला स्वयं सहायता समूहों और सहकारी संस्थाओं को अपने उत्पादों के प्रदर्शन और विक्रय का अवसर मिलेगा। साथ ही विभागीय और अंतर्विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।
प्रत्येक जनपद में मेले की अलग-अलग थीम होगी—जैसे अल्मोड़ा में सहकारिता से हस्त शिल्प संरक्षण, पौड़ी में ग्रामीण सशक्तिकरण, रुद्रप्रयाग में धार्मिक पर्यटन विकास, पिथौरागढ़ में सीमावर्ती समृद्धि, हरिद्वार में आध्यात्मिक समृद्धि और देहरादून में शहरी-ग्रामीण एकता।
मैदानी जिलों में मेले सात दिन और पर्वतीय जिलों में पांच दिन तक चलेंगे। इन मेलों में विद्यार्थियों को सहकारिता आंदोलन से जोड़ने के लिए कला, वाद-विवाद, क्विज प्रतियोगिताएं और तकनीकी सत्र भी होंगे। साथ ही किसान गोष्ठियों, डिजिटल साक्षरता, ई-कॉमर्स और महिला सशक्तिकरण पर विशेष चर्चाएं आयोजित की जाएंगी।
डॉ. रावत ने कहा कि इन मेलों से स्थानीय उत्पादों को व्यापक पहचान मिलेगी और ग्रामीण आर्थिकी को मजबूत आधार मिलेगा।
Reported By: Arun Sharma












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