एम्स ऋषिकेश में इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स (आईएसए) की ऋषिकेश शाखा ने “कार्बन-न्यूट्रल, पर्यावरण-सचेत एनेस्थीसिया प्रैक्टिस – रोगी और चिकित्सक सुरक्षा” विषय पर आईएसए राष्ट्रीय प्रायोजित सीएमई का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण और पौधरोपण समारोह के साथ हुई, जो रोगियों और पृथ्वी के प्रति प्रतिबद्धता का संदेश दे रहा था।
मुख्य अतिथि एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कार्यक्रम की सराहना की, जबकि डीन (अकादमिक) प्रो. जया चतुर्वेदी ने एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स के नवाचार और नेतृत्व की भूमिका पर जोर दिया। आईएसए के मानद सचिव डॉ. सुखमिंदर बाजवा ने हरित एनेस्थीसिया के माध्यम से शिक्षा, अनुसंधान और वैश्विक साझेदारी पर ध्यान केंद्रित किया।

सीएमई में न्यूनतम-प्रवाह एनेस्थीसिया, संपूर्ण अंतःशिरा एनेस्थीसिया, क्षेत्रीय एनेस्थीसिया और पर्यावरण-अनुकूल एनेस्थेटिक गैस विकल्पों पर वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए गए। “रोगी सुरक्षा बनाम ग्रह सुरक्षा” पैनल ने प्रतिभागियों को पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान न्यूज़लेटर इको-फ्लुरेन एक्सप्रेस जारी किया गया, जिसमें शैक्षणिक संदेशों को कविताओं, इन्फोग्राफिक्स और रचनात्मक विचारों के साथ प्रस्तुत किया गया, जिससे सीएमई बौद्धिक और भावनात्मक रूप से समृद्ध बना।
Reported By: Arun Sharma












Discussion about this post