देहरादून में उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व अध्यक्ष व सीडब्ल्यूसी सदस्य करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने धराली का दौरा कर वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। दौरे के बाद हुई प्रेसवार्ता में दोनों नेताओं ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के दावे जमीनी हकीकत से बिल्कुल विपरीत हैं।
कांग्रेस ने कहा कि मृतकों की संख्या को लेकर सरकार के विभागों और मंत्रियों के बयान परस्पर विरोधी हैं, जिससे प्रशासनिक लापरवाही उजागर होती है। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार चार महीने बाद भी पुनर्वास, पुनर्निर्माण, राहत और विस्थापन पर कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है।
गोदियाल ने बताया कि धराली में लगभग 250 नाली भूमि पूर्णतः नष्ट हो चुकी है, 112 मकान और 70 से अधिक होटल–रिसॉर्ट क्षतिग्रस्त हैं, लेकिन राहत राशि बहुत कम लोगों तक पहुँची है। कई लोग अब भी मलबे में दबे हैं और राहत–बचाव कार्य ठप है, जिस कारण स्थानीय लोग अपने खर्च पर मजदूर लगाकर मलबा हटाने को मजबूर हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष की मौजूदगी के दौरान सरकार ने नेटवर्क जाम कर दिया ताकि असली स्थिति उजागर न हो। मुखबा गांव ने प्रशासनिक उपेक्षा के विरोध में पंचायत चुनावों का बहिष्कार तक किया है।
करन माहरा ने कहा कि क्षेत्र में सेब और अन्य उत्पादों का विपणन पूरी तरह प्रभावित है, आजीविका समाप्त हो चुकी है और केंद्र सरकार द्वारा घोषित 1200 करोड़ के राहत पैकेज का एक भी रुपया अभी तक जारी नहीं हुआ है।
कांग्रेस ने धराली के लिए विशेष पुनर्वास पैकेज, न्यूनतम 50 लाख रुपये मुआवजा, केदारनाथ आपदा मॉडल की तरह स्व–आकलन प्रणाली लागू करने, लापता लोगों की खोज के विशेष अभियान और आवासीय व व्यावसायिक पुनर्वास की ठोस योजना की मांग की है।
गणेश गोदियाल, प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड कांग्रेस
करण माहरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सीडब्ल्यूसी सदस्य
Reported By: Shiv narayan












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