देवरामपुर से बबूर गुमटी व शिव मंदिर से हिरण बाबा मंदिर मार्ग तक संचालित स्टोन क्रशरों के भारी वाहनों ने स्थानीय निवासियों व विद्यार्थियों का जनजीवन दूभर कर दिया है। ओवरलोड ट्रकों के कारण सड़कें जर्जर हो चुकी हैं और धूल प्रदूषण से आमजन को भारी परेशानी हो रही है। छात्रों ने बताया कि अब उन्हें मास्क और रुमाल से मुंह ढककर स्कूल-कॉलेज जाना पड़ रहा है, जबकि दुर्घटनाओं की घटनाएं भी बढ़ गई हैं।
छात्र नेता समित सिंह कार्की और कोषाध्यक्ष कमल पांडे के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं ने सीओ दीपशिखा अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि यह सड़क दर्जनों स्कूलों, आंगनवाड़ियों और लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज का मुख्य मार्ग है, लेकिन जगह-जगह गड्ढों और कटाव से इसकी चौड़ाई घटकर मात्र 7–8 फुट रह गई है। जल जीवन मिशन की पाइपलाइन खुदाई के बाद सड़क की मरम्मत भी नहीं की गई, जिससे बरसात में सड़क तालाब में बदल जाती है।
छात्रों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र के कुछ स्टोन क्रशर और ट्रांसपोर्ट कंपनियां अवैध रूप से ओवरलोड डंपर इसी ग्रामीण सड़क से चला रही हैं, जबकि यह मार्ग भारी वाहनों के लिए अनुमन्य नहीं है। यह न केवल मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि भारतीय सड़क कांग्रेस के मानकों के भी विपरीत है।
छात्रसंघ नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो ग्रामीण सड़कों को जाम कर आंदोलन शुरू किया जाएगा। उपाध्यक्ष संजना पांडे ने कहा कि विद्यालय समय में भारी वाहनों का परिचालन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाए, अन्यथा गाँव-गाँव में जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।
छात्र महासंघ उपाध्यक्ष सचिन फुलारा ने बताया कि धूल और प्रदूषण से कई छात्र अस्थमा व आँखों में जलन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। अभिभावक भी अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। छात्रों ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन अब सिर्फ विरोध नहीं बल्कि “भविष्य की सुरक्षा का संकल्प” होगा।
Reported By: Arun Sharma












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