विद्यालयी शिक्षा में प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक (PGI) रैंकिंग सुधारने के लिए उत्तराखंड में राज्य स्तर पर 12 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति की अध्यक्षता विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक करेंगे और यह निर्धारित सूचकांकों में सुधार हेतु ठोस कार्ययोजना बनाकर उसका मूल्यांकन भी करेगी।
ब्लॉक स्तर पर यू-डायस (UDISE) मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है। ये अधिकारी प्रत्येक सप्ताह आंकड़ों की समीक्षा कर उनकी विश्वसनीयता सुनिश्चित करेंगे, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की रैंकिंग बेहतर हो सके।
वर्ष 2023-24 में उत्तराखंड ने 1000 अंकों में से 526.30 अंक प्राप्त किए थे। विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए 615 अंक और 2026-27 के लिए 650 अंकों का लक्ष्य निर्धारित किया है। रैंकिंग सुधार के लिए यू-डायस पर विद्यालयों से संबंधित सही जानकारी दर्ज कराना अनिवार्य होगा।
अधिकारियों का मानना है कि सही और सटीक डेटा एंट्री से ही राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड को शीर्ष राज्यों की श्रेणी में शामिल किया जा सकेगा।
भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष पीजीआई रैंकिंग जारी की जाती है, जिससे प्रत्येक राज्य में संचालित विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता का आंकलन होता है। समीक्षा के दौरान पाया गया है कि विद्यालयी स्तर से यू-डायस पर भरे जाने वाले आंकड़ों में कई त्रुटियां रही है जिस कारण राज्य को कई अंकों का नुकसान हुआ। जिसमें सही आंकड़ो को दर्शा कर सुधार किया जा सकता है, इसी उद्देश्य के साथ विभागीय अधिकारियों की एक राज्य स्तरीय कमेटी गठित कर वर्ष 2026-27 में प्रदेश को शीर्ष राज्यों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। – डॉ. धन सिंह रावत, विद्यालयी शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।
Reported By: Arun Sharma












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