अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अंतर्गत नुमाइशखेत में “सहकारिता से पर्वतीय कृषि” थीम पर आयोजित सहकारिता मेले के तीसरे दिन शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने 24 किसानों को 24 लाख रुपये का ब्याज रहित ऋण और चार एमपैक्स समितियों को माइक्रो एटीएम प्रदान किए। साथ ही लेखक केशवानंद जोशी की पुस्तक ‘शकुन्तला नाटक’ का विमोचन भी किया गया।
डॉ. रावत ने कहा कि अब तक प्रदेश में 50 करोड़ रुपये से अधिक ब्याज रहित ऋण किसानों तक पहुंचाया जा चुका है। महिलाओं को प्रोत्साहन के तहत पहले वर्ष ₹21,000, दूसरे वर्ष ₹50,000 और तीसरे वर्ष ₹1 लाख तक का लोन मिलेगा। महिला समूहों को ₹10 लाख तक का ऋण बिना गारंटर उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने मंडुवा की कीमत ₹48 प्रति किलो तय करने और आर्गेनिक सामूहिक खेती योजना की भी घोषणा की, जिसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में 400 नाली भूमि पर सामूहिक खेती कर उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाया जाएगा।
डॉ. रावत ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। काफलीगैर में डिग्री कॉलेज का निर्माण और कपकोट उप जिला चिकित्सालय के लिए ₹30 करोड़ की स्वीकृति दी गई, साथ ही अगले 45 दिनों में बागेश्वर को 20 नए डॉक्टर उपलब्ध कराए जाएंगे।
मेले में स्टॉलों के माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई और स्थानीय उत्पादों की बिक्री की गई। स्थानीय कलाकारों और बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को रोचक बनाया।
कपकोट विधायक सुरेश गड़िया ने कहा कि सहकारिता मेलों से महिला समूहों और ग्रामीण उत्पादकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक पहुंच रहा है।
Reported By: Arun Sharma












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