प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की गिरती हालत और अस्पतालों में मौतों के सिलसिले पर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत पर तीखा हमला बोला है।
पत्रकारों से बातचीत में नेगी ने कहा कि—लगातार हो रही मौतों, इलाज की कमी, लापरवाही और बदइंतजामी ने आम जनता को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन, इसके बावजूद स्वास्थ्य मंत्री की चुप्पी और उदासीनता बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। बीते कुछ ही दिनों में दो गर्भवती महिलाओं की मौत, एक फौजी के बेटे की इलाज के अभाव में मौत, और ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों को समुचित इलाज नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि “ये तो वे घटनाएं हैं जो अखबारों की सुर्खियां बनीं, जबकि ऐसे अनगिनत मामले दबा दिए जाते हैं। क्या इन मौतों का जिम्मेदार कोई नहीं?”
नेगी ने कहा कि प्रदेश के कई बड़े अस्पतालों की हालत यह हो गई है कि वे इलाज के नाम पर खुले लूटपाट के केंद्र बन चुके हैं। मरीज घंटों लाइन में खड़े रहते हैं, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई जैसी जांचें कराने में जान पर बन आती है। आयुष्मान योजना के नाम पर भी आम मरीज को बगैर सिफारिश ICU या वेंटिलेटर नहीं मिल रहा। सरकारी अस्पतालों में मरीजों के बैठने तक की समुचित व्यवस्था नहीं है, इलाज की बात तो दूर की कौड़ी बन गई है।
मोर्चा अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि— स्वास्थ्य सेवाओं की मॉनिटरिंग क्यों नहीं हो रही? अस्पतालों में बढ़ती भीड़ को देखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा? डॉक्टरों और स्टाफ की जवाबदेही तय क्यों नहीं की जा रही?
नेगी ने तीखे लहजे में कहा कि यदि शीघ्र ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ तो मोर्चा प्रदेशव्यापी जनआंदोलन छेड़ेगा और मंत्री जी का “जीना हराम कर देगा”।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष, रघुनाथ सिंह नेगी
Reported By: Arun Sharma












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