गैरसैंण में आयोजित हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान सदन के पटल पर मदरसा शिक्षा को लेकर विधेयक में रखा गया हालाँकि मंगलौर विधायक काज़ी निज़ामुद्दीन द्वारा इस विधेयक के ज़रिये ही सरकार को घेरने का काम किया गया
मंगलौर विधायक ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में क़ानून व्यवस्था से लेकर आपदा तक कई ऐसे मुद्दे हैं जिनकी चर्चा बेहद अनिवार्य हैं हालाँकि सरकार से यदि कोई सवाल पुछा जाए तो समुदाय विशेष पर अपने एजेंडे के तहत मज्जिद, मजार ,और मदरसों पर सत्ता पक्ष के नेता बयानबाज़ी करते नज़र आते है
काज़ी निजामुद्दीन,. विधायक , मंगलौर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य जनता के हित में ठोस निर्णय लेना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मदरसा शिक्षा बोर्ड का नाम बदलकर उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा बोर्ड करना किसी एक समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मुस्लिम, अरबी-फारसी, सिख, बौद्ध और जैन सभी अल्पसंख्यक समुदायों को शिक्षा और संस्थागत लाभ सुनिश्चित करने का प्रावधान है।
सीएम धामी ने कहा कि यह विधेयक शिक्षा के अधिकार को सब तक पहुँचाने, पारदर्शिता लाने और अल्पसंख्यक भाषाओं जैसे गुरुमुखी, पाली और फारसी को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत कई निजी संस्थान नाम के सहारे चलते पाए गए, जिन पर सरकार ने 250 से अधिक मामलों में कार्रवाई की। मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उनके पास कोई सकारात्मक सुझाव होता तो सरकार उसे भी शामिल करती, लेकिन विपक्ष सिर्फ भ्रम फैलाने में लगा है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
Reported By: Arun Sharma













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