राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के ऐतिहासिक अवसर पर पूरे देश में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रप्रेरक आह्वान के सम्मान में ‘वंदे मातरम्’ के पूर्ण संस्करण का सामूहिक गान किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य एक स्वर, एक संकल्प और एक भावना के साथ भारत माता के प्रति निष्ठा और समर्पण का संदेश देना था।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि “वंदे मातरम् भारत की आत्मा, अस्मिता और आजादी की हृदय-धड़कन है।” यह केवल एक गीत नहीं बल्कि राष्ट्र की एकता, अखंडता और मातृभूमि के प्रति समर्पण का शाश्वत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस गीत ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशभक्ति की ऐसी ज्योति जगाई, जिसने असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों को बलिदान के लिए प्रेरित किया।
स्वामी जी ने आह्वान किया कि “हम वंदे मातरम् के इस अमर मंत्र को केवल शब्दों में नहीं, बल्कि अपने आचरण, सेवा और राष्ट्रहित के कार्यों में उतारें।” उन्होंने सभी से पर्यावरण-संरक्षण, संस्कृति-संवर्धन और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।
यह ऐतिहासिक दिन भारत की एकता, राष्ट्रगौरव और देशभक्ति की अविरल धारा का प्रतीक बनकर सभी के हृदय में अमिट प्रेरणा छोड़ गया।
Reported By: Arun Sharma












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