एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दूसरा राष्ट्रीय वैज्ञानिक गोलमेज सम्मेलन (NSRTC 2025) तीन दिवसीय वैज्ञानिक संवाद और नवाचार की दृष्टि से ऐतिहासिक साबित हुआ। इसमें देशभर से 70 से अधिक वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं, जिनमें 36 शांति स्वरूप भटनागर और पद्म पुरस्कार विजेता भी शामिल थे, ने भाग लिया।
सम्मेलन का फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एडवांस्ड मैटेरियल्स, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन व सस्टेनेबिलिटी और हेल्थकेयर जैसे चार प्रमुख क्षेत्रों पर रहा। साथ ही विज्ञान और आध्यात्म के तालमेल जैसे विचारोत्तेजक विषयों ने भी विशेष ध्यान आकर्षित किया।
एआई से लेकर नैनोमैटेरियल्स, ग्रीन केमिस्ट्री, बायोटेक्नोलॉजी और महामारी प्रबंधन तक अनेक क्षेत्रों में उपयोगी शोध, विचारों का आदान-प्रदान और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा हुई। सम्मेलन में 600 से अधिक छात्रों और 100 से अधिक प्रमुख वैज्ञानिकों ने भागीदारी की।
डॉ. राहुल कराड ने कहा कि यह आयोजन भारत को ज्ञान के क्षेत्र में विश्वगुरु बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। समापन समारोह में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों की उपस्थिति ने इसे और गौरवपूर्ण बना दिया।
यह सम्मेलन वैज्ञानिक चेतना, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने वाली पीढ़ी के निर्माण की दिशा में एक सार्थक प्रयास रहा।
Reported By: Shiv Narayan














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