राज्य स्थापना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड आने की चर्चाएं जोरों पर हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान प्रधानमंत्री उत्तराखंड के पाँचवें धाम के रूप में बनाए गए सैन्य धाम का उद्घाटन भी कर सकते हैं। लेकिन, सैन्य धाम के उद्घाटन से पहले ही इसे लेकर विवाद के सुर तेज़ हो गए हैं। दरअसल, एडवोकेट व आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश सिंह नेगी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक पत्र भेजकर सैन्य धाम के निर्माण में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है।
विकेश नेगी ने पत्र में लिखा है कि देहरादून के गुनियाल गांव में नवनिर्मित सैन्य धाम का निर्माण भ्रष्टाचार के साये में किया गया है। कार्यदायी संस्था और विभागों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को अंधेरे में रखकर नियमों को ताक पर रखते हुए इस निर्माण को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को इस परियोजना की वास्तविक स्थिति से गुमराह किया गया है। एडवोकेट नेगी ने अपने पत्र के साथ कई दस्तावेज भी संलग्न किए हैं, जिनमें परियोजना से जुड़ी डीपीआर, कार्य आवंटन और भूमि उपयोग से संबंधित विवरण शामिल हैं। उनका कहना है कि सैन्य धाम जिस भूमि पर बनाया गया है, वह वन विभाग की है, जिसे नियमानुसार स्थानांतरित नहीं किया जा सकता था। उन्होंने इसी विषय पर राष्ट्रपति को भी एक अलग पत्र भेजा है।
एडवोकेट व आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश सिंह नेगी
एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं के साथ ही मेरे भी रोल मॉडल हैं।प्रधानमंत्री हमेशा भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात करते हैं और घपले-घोटालों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात करते हैं। इसलिए उन्हें ऐसे सैन्य धाम के उद्घाटन समारोह में शिरकत नहीं करनी चाहिए, जहाँ निर्माण कार्य में अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं।
एडवोकेट व आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश सिंह नेगी
विकेश नेगी हाईकोर्ट में इसकी जनहित याचिका दायर करने जा रहे हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड दौरे पर आए प्रधानमंत्री मोदी ने सैनिक भूमि उत्तराखंड में पाँचवें धाम के रूप में सैन्य धाम के निर्माण की घोषणा की थी। इसके बाद 15 दिसंबर 2021 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देहरादून के गुनियाल गांव पुरकुल में करीब 50 बीघा भूमि पर इस सैन्य धाम का शिलान्यास किया था।
Reported By: Arun Sharma












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