राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे और महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर उन विभागाध्यक्षों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने 10, 16, और 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति वेतनमान से संबंधित अतिरिक्त व्यय का आंकलन रिपोर्ट शासन को नहीं भेजी है।
परिषद ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वित्त अनुभाग-7 के 19 अगस्त 2025 के शासनादेश के बावजूद अब तक केवल 16 विभागों ने ही सूचना भेजी है, जबकि दो वर्ष से यह मामला लंबित है। परिषद प्रवक्ता आर.पी. जोशी ने बताया कि शासन द्वारा कई बार पत्र भेजे जाने के बावजूद संबंधित अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं, जिससे कार्मिकों का हित प्रभावित हो रहा है।
परिषद ने इसे “कार्मिक विरोधी मानसिकता” करार देते हुए मुख्य सचिव से मांग की कि ऐसे विभागाध्यक्षों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए और सक्षम स्तर से अधिकारियों की बैठक बुलाकर प्रकरण पर शीघ्र निर्णय लिया जाए।
Reported By: Arun Sharma












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