इसे भी पढ़ें
पत्रकार केवल समाचार के वाहक नहीं, बल्कि समाज की नब्ज़ को शब्द देने वाले संवेदनशील प्रहरी हैं। उनकी सुरक्षा, सम्मान और परिवारों का कल्याण किसी भी जिम्मेदार शासन की प्राथमिकता होना चाहिए। इसी भावना को मूर्त रूप देते हुए उत्तराखंड के सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने एक बार फिर मानवीय नेतृत्व का परिचय दिया है।
आज उनकी अध्यक्षता में आयोजित पत्रकार कल्याण कोष की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो अनेक परिवारों के लिए राहत और उम्मीद लेकर आए हैं।
15 दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को ₹5-5 लाख की आर्थिक सहायता—ताकि विपत्ति की घड़ी में उनके परिवार मजबूती पा सकें।
गंभीर बीमारी से जूझ रहे 2 पत्रकारों को ₹5-5 लाख की चिकित्सा सहायता—जिससे उनका उपचार बिना आर्थिक बाधा के सुचारू रूप से हो सके।
4 वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मान पेंशन—उनके दीर्घकालिक योगदान और समर्पण का सम्मान करते हुए।
तिवारी जी ने स्पष्ट संदेश दिया कि “पत्रकारों और उनके परिवारों की पीड़ा हमारी जिम्मेदारी है, और हर संभव सहायता समय पर पहुँचाई जाएगी।” यह शब्द नहीं, बल्कि संवेदनशील शासन का जीवंत उदाहरण है।
ऐसे सक्रिय, मानवीय और उत्तरदायी अधिकारी बंशीधर तिवारी को हृदय से प्रणाम। पत्रकार कल्याण कोष समिति के सभी सदस्यों का भी आभार, जिन्होंने इस दिशा में सार्थक कदम सुनिश्चित किए।












Discussion about this post