देशभर में 79वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने देशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि स्वतंत्रता केवल पराई सत्ता से मुक्ति नहीं, बल्कि अपने भीतर की संकीर्णताओं और अज्ञानता से भी मुक्ति है। उन्होंने कहा कि आज भारत विज्ञान, तकनीक, अंतरिक्ष, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और विश्व के लिए आशा व प्रेरणा का प्रतीक बन चुका है।
स्वामीजी ने कहा कि चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं—गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य की असमानता, पर्यावरणीय संकट तथा सामाजिक विभाजन। इसलिए हमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तरह राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानकर कार्य करना होगा। उन्होंने आह्वान किया कि भारत को केवल आर्थिक रूप से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी सशक्त बनाना है ताकि आने वाली पीढ़ियाँ एक समावेशी, सुरक्षित और न्यायपूर्ण भारत का अनुभव कर सकें।
परमार्थ निकेतन गुरुकुल और परमार्थ विद्या मंदिर के छात्रों ने देशभक्ति से परिपूर्ण सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह का समापन तिरंगे को सलाम और शहीदों को नमन के साथ हुआ।
Reported By: Arun Sharma












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