उत्तराखंड में खेल यूनिवर्सिटी बनाने का सपना अब साकार होता दिख रहा है। राज्य की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, मानसखंड स्टेट स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी के गोलापार में तेजी से आकार ले रही है। पूरे देश की खेल यूनिवर्सिटीज़ से सीख कर तैयार की जा रही ये यूनिवर्सिटी किस तरह अलग और बेहतरीन होगी… इसमें क्या संभावनाएं और क्या चुनौतियां हैं…
उत्तराखंड राज्य गठन के 25 साल बाद प्रदेश को अपनी पहली खेल यूनिवर्सिटी मिली है। हल्द्वानी गोलापार में इस यूनिवर्सिटी के निर्माण का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार की नियुक्ति हो चुकी है और अब इसे फंक्शनल बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
देशभर की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटीज़ का स्टडी करके उत्तराखंड की मानसखंड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का खाका तैयार किया गया है। मकसद है, अच्छी चीजों को अपनाना और खामियों से बचना। लेकिन रास्ता आसान नहीं है। ओलंपिक स्तर के खेलों को बढ़ावा देना, टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल सुविधाएं जुटाना, इंडस्ट्री पार्टनरशिप के जरिए करियर डेवलपमेंट करना, भूमि अधिग्रहण और क्लीयरेंस की अड़चनें, साथ ही एकेडमिक व फाइनेंशियल काउंसिल का गठन जैसी कई चुनौतियां अभी सामने हैं।
अमित सिन्हा, वाइस चांसलर, उत्तराखंड खेल यूनिवर्सिटी
वाइस चांसलर अमित सिन्हा बताते हैं कि फिलहाल यूनिवर्सिटी को यूजीसी में रजिस्टर करा दिया गया है। अब कोर्स और करिकुलम तय करने पर काम चल रहा है। शुरुआती चरण में बीपीएड, बीसीईएस, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और स्पोर्ट्स साइंस जैसे अहम पाठ्यक्रमों को शुरू करने की तैयारी है। उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के बाद यहां का स्पोर्ट्स फीवर बढ़ा है। युवा पीढ़ी में खेलों को लेकर उत्साह दिख रहा है और यही वजह है कि राज्य की यह यूनिवर्सिटी देशभर में अपनी अलग पहचान बनाने की क्षमता रखती है।
अमित सिन्हा, वाइस चांसलर, उत्तराखंड खेल यूनिवर्सिटी
Reported By: Arun Sharma












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