उत्तराखण्ड सरकार ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए नर्स प्रैक्टिशनर मिडवाइफरी कार्यक्रम को स्वीकृति दे दी है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इसे मातृ एवं नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।
राज्यस्तरीय मिडवाइफरी टास्क फोर्स की बैठक में निर्णय लिया गया कि जल्द ही 30 नर्स प्रैक्टिशनर मिडवाइफ का पहला बैच प्रशिक्षित किया जाएगा। यह 18 माह का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम देहरादून स्थित राज्य मिडवाइफरी प्रशिक्षण संस्थान में संचालित होगा। प्रशिक्षण के बाद इन मिडवाइफ को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात किया जाएगा, जहां वे सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण मातृत्व सेवाएं प्रदान करेंगी।
यह पहल भारत सरकार की मिडवाइफरी योजना और सतत् विकास लक्ष्यों के अनुरूप है तथा उत्तराखण्ड को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक होगी।
Reported By: Arun Sharma












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