उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस एवं रजत जयंती उत्सव के शुभ अवसर पर राजधानी देहरादून स्थित गुरु रामदास इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तर भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित विद्यालयों और कॉलेजों के प्रधानाचार्य एकत्र हुए। कार्यक्रम का आयोजन ऑल इंडिया प्रिंसिपल एसोसिएशन के तत्वाधान में “बदलते परिवेश में उत्तराखंड तथा देश में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन – चुनौतियां एवं अवसर” विषय पर किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर संस्था के वाइस चेयरमैन सरदार इंद्रजीत सिंह ओबेरॉय, प्रेसिडेंट डॉली ओबेरॉय, वाइस प्रेसिडेंट प्रभजी ओबेरॉय, महानिदेशक डॉ. पंकज चौधरी, तथा एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. नवदीप भारद्वाज और स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. अमित सहगल उपस्थित रहे।
वाइस चेयरमैन सरदार इंद्रजीत सिंह ओबेरॉय ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि “उत्तराखंड के 25 वर्ष पूरे होने के इस ऐतिहासिक अवसर पर शिक्षाविदों का यह संगम भविष्य निर्माण का प्रतीक है। प्रधानाचार्य समाज के निर्माता हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित कर देश का भविष्य गढ़ते हैं।”
महानिदेशक डॉ. पंकज चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रधानाचार्यों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वहीं, एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. नवदीप भारद्वाज ने बताया कि संगठन देश के 28 राज्यों में सक्रिय है और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति (NEP) ने प्रधानाचार्यों को अधिक स्वतंत्रता और जिम्मेदारी दी है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों का समग्र विकास संभव हो सकेगा।
कार्यक्रम में शिक्षाविदों ने नई शिक्षा नीति से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श किया तथा शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
Reported By: Arun Sharma












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