उत्तराखंड की राजनीति में मंत्रिमंडल विस्तार अब किसी पहेली से कम नहीं रह गया। राज्य में कुल 70 विधानसभा सीटें, 11 कैबिनेट मंत्री की छत, और फिलहाल केवल 6 मंत्री — यानी 5 कुर्सियाँ खाली, और सवाल यही है कि कब भरी जाएंगी….भाजपा विधायक खजान दास ने साफ कहा कि अब वक्त आ गया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री का विवेक है, लेकिन केंद्र और प्रदेश नेतृत्व की रायशुमारी के बाद इसे जल्द किया जा सकता है, क्योंकि अब इसकी ज़रूरत और मांग दोनों है।
खजान दास, विधायक (भाजपा)
वहीं कांग्रेस ने इस देरी पर तेज़ तंज़ कसा है। प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का असली कारण है वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच अंतरकलह। तीन साल से ज्यादा समय बीत गया, लेकिन कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ। मुख्यमंत्री एकला चलो की राह पर हैं, ज्योतिषीय निर्देशों पर फैसले हो रहे हैं और चुनिंदा मंत्री ही आदेश मान रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश का कामकाज प्रभावित है, लोग दूर-दराज से उम्मीद लेकर मंत्री से मिलने आते हैं, लेकिन वास्तविकता यही है कि मंत्री विधानसभा में नहीं रहते, विदेश और अन्य राज्यों के दौरे में व्यस्त हैं। और इसी कारण भाजपा के विधायकों में भी नाराज़गी बढ़ रही है, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
शीशपाल सिंह बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता (कांग्रेस)
Reported By: Arun Sharma












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