देहरादून में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र में आयोजित मासिक कार्यक्रम ‘खबरपात’ के पांचवें संस्करण में उत्तराखंड राज्य आंदोलन पर केंद्रित परिचर्चा हुई। कार्यक्रम में शामिल आंदोलनकारियों ने रामपुर तिराहा कांड और आंदोलन के दौरान झेले गए संघर्ष व भयावह अनुभव साझा किए।
आंदोलनकारी ऊषा भट्ट ने घटना का आंखों देखा हाल बताते हुए महिलाओं और छात्राओं की हिम्मत की दास्तान सुनाई। ओमी उनियाल ने बताया कि आसपास के गांवों के लोग और मस्जिद-मदरसे आंदोलनकारियों का सहारा बने। जेल में लंबे समय तक रहीं निर्मला बिष्ट ने कहा कि आंदोलन धर्म या क्षेत्र की दृष्टि से नहीं, बल्कि उत्तराखंड राज्य की एकता के लिए था।
सांस्कृतिक मोर्चे से जुड़े जनगीत गायक सतीश धौलाखंडी ने आंदोलन के दौरान गाए गए गीतों का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम संचालक त्रिलोचन भट्ट और विशेष अतिथि डॉ. उमा भट्ट ने आंदोलन के दस्तावेजीकरण और इतिहास पीढ़ियों तक पहुँचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
Reported By: Shiv Narayan












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