ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के न्यूरोसर्जरी विभाग द्वारा देहरादून के हयात रीजेंसी में न्यूरो-ऑन्कोलॉजी विषय पर एक उच्चस्तरीय राष्ट्रीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रतिष्ठित शैक्षणिक आयोजन में देशभर के प्रमुख न्यूरोसर्जनों, न्यूरो विशेषज्ञों, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट्स व न्यूरोपैथोलॉजिस्ट्स ने भाग लिया।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने ब्रेन ट्यूमर की देखभाल से जुड़ी नवीनतम तकनीकी और चिकित्सीय प्रगति पर विचार-विमर्श किया। एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक डॉ. मीनू सिंह ने रोगी-केंद्रित और समन्वित देखभाल मॉडल को न्यूरो-ऑन्कोलॉजी की रीढ़ बताते हुए इस पहल को चिकित्सा क्षेत्र में मील का पत्थर कहा।

सीएमई के आयोजन सचिव डॉ. जितेंद्र चतुर्वेदी, न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. रजनीश अरोड़ा और डॉ. निशांत गोयल ने कार्यक्रम में प्रमुख भूमिका निभाई। कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।
विशिष्ट अतिथियों में एनएसआई अध्यक्ष प्रो. मानस पाणिग्रही, हिंदुजा अस्पताल के प्रो. बी. के. मिश्रा, एम्स दिल्ली की डॉ. वैशाली सूरी, निम्हांस बेंगलुरु के डॉ. जितेंद्र सैनी समेत देश के कई संस्थानों से विशेषज्ञ शामिल हुए। विशेषज्ञों के व्याख्यान से प्रतिभागियों को ब्रेन ट्यूमर के आधुनिक उपचार व प्रबंधन में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।
Reported By: Arun Sharma












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