काशी विश्वनाथ, उज्जैन महाकालेश्वर, अयोध्या राम मंदिर और बाबा केदारनाथ धाम के बाद अब श्री बद्रीनाथ धाम की नगरी को भी नए स्वरूप में संवारा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस प्रोजेक्ट की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।
481 करोड़ रुपये का बद्रीनाथ मास्टर प्लान बद्रीनाथ को एक स्मार्ट आध्यात्मिक सिटी के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखता है। इस योजना में मंदिर परिसर का पुनर्गठन, ट्रैफिक प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण, सड़क और पैदल मार्गों का विकास, सार्वजनिक उद्यान, तथा अलकनंदा नदी के किनारे आकर्षक नदीफ्रंट और प्लाज़ा का निर्माण शामिल है। पानी, बिजली और स्वच्छता जैसी सभी मूलभूत सुविधाओं का भी उन्नयन किया जा रहा है।
परियोजना में भूमि उपयोग, भवन निर्माण मानकों, भूकंपीय सुरक्षा और पर्यावरणीय संवेदनशीलता को प्राथमिकता दी गई है। स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जबकि तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं और सांस्कृतिक अनुभव मिलेगा। अगले 50 वर्षों की यात्री संख्या को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान को तीन चरणों में 85 हेक्टेयर क्षेत्र में लागू किया जा रहा है।
बद्री नगरी के बाज़ार को अधिक सुव्यवस्थित बनाया जा रहा है ताकि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल सके। धाम परिसर तक जाने वाला मार्ग भी चौड़ा किया जा रहा है, साथ ही बढ़ती रेल कनेक्टिविटी को देखते हुए रहने और अन्य यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी हर मुलाकात में बद्री–केदार धाम के विकास की चर्चा अवश्य करते हैं। पीएमओ भी इस परियोजना की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहा है। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और गढ़वाल आयुक्त समय–समय पर स्थल पर जाकर कार्य की गुणवत्ता और प्रगति की समीक्षा करते हैं तथा स्थानीय लोगों से संवाद भी बनाए रखते हैं।
Reported By: Arun Sharma












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