देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के 13 ज़िलों में ई-वेस्ट (Electronic Waste) प्रबंधन को लेकर विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अवसर पर उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी डॉ. पराग मधु धक्काते ने आम नागरिकों को ई-वेस्ट के सही उपयोग और निपटान के बारे में जानकारी दी।
ई-वेस्ट से हो सकती है कमाई
डॉ. धक्काते ने बताया कि आम नागरिक अपने घरों में पड़े पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर, फ्रिज, वॉशिंग मशीन आदि भारत सरकार द्वारा पंजीकृत कंपनियों को बेचकर पैसे कमा सकते हैं।
- इन वस्तुओं को इकट्ठा करने के लिए UPI आधारित पेमेंट सिस्टम का उपयोग किया जाएगा।
- इस पहल से न केवल नागरिकों को आर्थिक लाभ मिलेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान होगा।
ई-वेस्ट को नदियों में न डालें
उन्होंने विशेष रूप से चेताया कि ई-वेस्ट को किसी भी हालत में नदियों या अन्य जलस्रोतों में न फेंकें। ऐसा करने से पर्यावरण और जल गुणवत्ता को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। सही तरीके से निपटान कर हम आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित पर्यावरण दे सकते हैं।
ई-वेस्ट के उदाहरण
ई-वेस्ट में वे सभी उपकरण और वस्तुएँ शामिल होती हैं जो इलेक्ट्रॉनिक या इलेक्ट्रिकल होती हैं और अब उपयोग लायक नहीं रह जातीं।
मुख्य उदाहरण:
- पुराने मोबाइल फोन
- कंप्यूटर और लैपटॉप
- टेलीविज़न सेट
- एयर कंडीशनर
- फ्रिज और वॉशिंग मशीन
- इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और उपकरण
सेवा पखवाड़ा में ई-वेस्ट पर फोकस
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सेवा पखवाड़ा के दौरान ई-वेस्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य शिविर और सफाई अभियान जैसे अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य जनता को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के लिए प्रेरित करना है।
Reported By; Krishna Kumar












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